आधुनिकतम वैज्ञानिक आविष्कारों में कम्प्यूटर एक अदभुत अविष्कार है। क्या रेडियो, क्या दूरदर्शन, क्या चलचित्र, क्या संचार-माध्यम, क्या अंतरिक्ष कार्यक्रम, क्या युद्ध-उपकरण का संचालन – आज सर्वत्र कम्प्यूटर का उपयोग अनिवार्य हो गया है।
कम्प्यूटर एक ऐसा यंत्र है, जिसके माध्यम से गणना-सम्बन्धी बहुत बड़ा काम अत्यन्त आसानी से क्षणमात्र में हो सकता है। यही कारण है कि बड़े-बड़े कार्यालयों एवं संस्थाओ में इसका उपयोग अपेक्षित हो रहा है।
कम्प्यूटर अनेक प्रतिभाशाली मानव-मस्तिष्कों का एकत्रित रूप है, जो मानवमात्र की बुद्धिमता को चनौती देनेवाला है। यह मानव-निर्मित एक यंत्रमात्र होते हुए भी सजीव प्राणी की तरह इस कुशलता से काम करनेवाला है कि गणना क्षणमात्र में करने पर भी उसमे त्रुटि या अशुद्धि की संभावना नहीं रहती है।
मनुष्य के लिए जो कार्य असंभव है, वह कम्प्यूटर के लिए संभव है, किन्तु विशेषता यह है कि जो काम मनुष्य एक घंटा में कर सकता है, उसे कम्प्यूटर एक मिनट में ही कर सकता है।
चूँकि मानव-मस्तिष्क द्वारा सम्पादित सभी काम कम्प्यूटर से सही-सही और अत्यन्त स्वल्प काल में हो जाते हैं, इसलिए आधुनिक काल में इसका प्रयोग सभी क्षेत्रों में हो रहा है।
बड़े-बड़े व्यवसायों एवं तकनीकी संस्थाओ और प्रशासकीय कार्यालयों में इसके उपयोग से बहुत तरह के कार्य सम्पादित हो रहे है। बड़े-बड़े उत्पादनो का हिसाब-किताब लगाने तथा भावी उत्पादन-संबंधी अनुमान की गणना करने में कम्प्यूटर से काम लिया जाता है।
भविष्य-गणना एवं परीक्षाफलो की विशाल गणना में भी यह महत्त्वपूर्ण भाग अदा करता है। वर्गीकरण, जोड़, घटाव, गुणा, भाग आदि ऐसा कोई काम नहीं है, जो कम्प्यूटर द्वारा सहज संपादित नहीं हो सकता है।
यही करना है कि आजकल व्यवसाय, चिकित्सा एवं अखबारी दुनिया में कम्प्यूटर सर्वाधिक उपयोगी सिद्ध हुआ है। अब प्रश्न उठता है कि जब कम्प्यूटर भी मनुष्य की तरह ही कार्य संपादन करता है, तब मनुष्य और कम्प्यूटर में क्या अन्तर है अथवा दोनों में से किसे श्रेष्ठ माना जाय?
किन्तु, सहज ही यह उत्तर मिल जाता है। वस्तुतः मनुष्य कम्प्यूटर की अपेक्षा अधिक महत्त्वपूर्ण है। आखिर,मानव-मस्तिष्क की उपज ही कम्प्यूटर है।
दूसरी बात यह भी कि कम्प्यूटर निर्जीव मशीन है और मनुष्य विवेकशील प्राणी है। वह भला-बुरा, ऊँच-नीच, उचित-अनुचित का विवेचन भी कर सकता है। वहाँ कम्प्यूटर विफल हो जाता है, क्योकि वह तो जड़-यंत्र मात्र है।
दूसरी ओर मानव-मस्तिष्क में अनेक प्रकार की त्रुटियाँ और खामियाँ है। इसके विपरीत कम्प्यूटर त्रुटि-दोषो से सर्वथा मुक्त है। इतना ही नहीं, वह तो मानव-मस्तिष्क की त्रुटियों को भी दूर करता है।
मानव-मस्तिष्क जिस जटिल गणना को शुद्ध शुद्ध नहीं कर सकता है, वह कम्प्यूटर के लिए बाये हाथ का खेल है। मनुष्य बहुत प्रयत्नपूर्वक जिन बातो अथवा तथ्यों का स्मरण नहीं कर सकता है।
वे कम्प्यूटर के लिए सहज स्मरणीय है। उनकी स्मरण-शक्ति मानव की अपेक्षा अपरिमित है। उपर्युक्त विवेचन से स्पष्ट है कि कम्प्यूटर आधुनिक युग के लिए अत्यन्त आवश्यक है।
व्यावसायिक, प्रशासनिक, चिकित्सा आदि सभी क्षेत्रो में कम्प्यूटर के प्रयोग से अप्रत्याशित लाभ उठाए जा रहे है। कम्प्यूटर की सहायता से सभी क्षेत्रों में विकास की गति में कई गुनी वृद्धि हुई है।
मौसम संबंधी भविष्यवाणी में कम्प्यूटर की गणना बेजोड़ है। इस प्रकार कम्प्यूटर सभी क्षेत्रों के विकास का सही आकलन करने मानव-मात्र का उपकार कर रहा है। आशा है, निकट भविष्य में यह मानव-कल्याण का अचूक साधन प्रमाणित होगा।
Final Thoughts –
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