इस आर्टिकल में व्याकरण क्या होता हैं, व्याकरण की परिभाषा और व्याकरण के प्रकार आदि के बारे में बताया गया हैं। जिसे आप पढ़कर आसानी से व्याकरण (Vyakaran) को समझ सकते हैं।
व्याकरण किसे कहते हैं – Vyakaran Kise Kahate Hain
प्रत्येक ‘भाषा’ की समुचित व्यवस्था के लिए ‘व्याकरण’ की आवश्यकता होती है। भाषा के शुद्ध ज्ञान एवं शुद्ध प्रयोग के लिए उस भाषा के व्याकरण का ज्ञान प्राप्त करना अत्यावश्यक है।
व्याकरण भाषा के लिए ‘कानून’ की पुस्तक है. जो भाषा का नियमन करती है। व्याकरण का विषय भाषा के ‘शब्दों’ और ‘वाक्यों’ के शुद्ध रूपों का विवेचन करना है।
-: व्याकरण की परिभाषा :-
व्याकरण (Vyakaran) – व्याकरण उस शास्त्र को कहते हैं जिसके पढ़ने से मनुष्य किसी भी भाषा को शुद्ध-शुद्ध लिखना और बोलना सीखता हैं।
इस परिभाषा से यह अस्पस्ट होता है की हमें किसी भी भाषा (Language) को सिखने के लिए उस भाषा का व्याकरण (Grammar) का ज्ञान होना अति आवश्यक हैं।
व्याकरण के प्रकार –
भाषा की तरह ही व्याकरण के अलग-अलग प्रकार होते है जैसे की –
1 . हिंदी भाषा के लिए हिंदी व्याकरण (Hindi Grammar)
2 . अंग्रेजी भाषा के लिए अंग्रेजी व्याकरण (English Grammar)
3 . संस्कृत भाषा के लिए संस्कृत व्याकरण (Sanskrit Grammar)
इत्यादि।
व्याकरण के खण्ड –
किसी भी भाषा में भाव की अभिव्यक्ति वाक्यों से होती है। वाक्य शब्दों के मेल से बनते है और शब्द वर्णों के मेल से बनते हैं। इस तरह से वाक्य, शब्द और वर्ण, भाषा के मूलाधार हैं।
व्याकरण, भाषा के इन्हीं तीनों आधारों का नियमन करता है, इसी आधार पर व्याकरण (Vyakaran) के तीन खण्ड होते हैं –
1 . वर्ण-विचार – इसमें वर्णो के आकार, भेद एवं उच्चारण के विषय में ज्ञान दिया जाता है।
2 . शब्द-विचार – इसमें शब्दों के भेद, रीति और व्युतप्ति का वर्णन होता है।
3 . वाक्य-विचार – इसमें वाक्यों के भेद, रीति और विरामचिन्ह का वर्णन होता है।
Final Thoughts –
आप यह हिंदी व्याकरण के भागों को भी पढ़े –
- व्याकरण | भाषा | वर्ण | स्वर वर्ण | व्यंजन वर्ण | शब्द | वाक्य | संधि | स्वर संधि | व्यंजन संधि | विसर्ग संधि | लिंग | वचन | कारक
- संज्ञा | सर्वनाम | विशेषण | क्रिया | काल | वाच्य | अव्यय | उपसर्ग | प्रत्यय | समास | विराम चिन्ह | रस-छंद-अलंकार